यादों की किताब
वो यादों की किताब के पन्ने खोलें
तो वो फिर से मेरे सामने खड़े हो गए
वो हम दोनो के बीच नजदीकियां,
एक दूसरे के ख्यालों में खोए रहना,
हमेशा साथ रहने की कसमें खाना,
जहां भी जाना साथ जाना,
मेरी आवाज सुने बिना एक पल न रहना।
एक एक लम्हा जो हमने साथ गुजारा
सब याद है मुझे।
मेरे बार बार रूठने पर मुझे मनाना
मुझे आज भी याद है।
यादों के पन्ने बस किताब बन कर रह गए।
जो ख्वाब थे वो ख्वाब बन कर रह गए।
Alisha ansari
07-Apr-2021 11:04 AM
Nice
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